‘जटाधारा’ एक सुपरनेचुरल और माइथोलॉजिकल कहानी है,जो रहस्य,आस्था और पौराणिक शक्तियों के बीच एक अनोखा सेतु बनाने की कोशिश करती है।

कहानी शुरू होती है ‘पिशाच बंधन’ नामक एक प्राचीन शक्ति से,जिसे खजाने की रक्षा के लिए बनाया गया था।लेकिन लालच सब बदल देता है।

जब यह बंधन टूटता है,तब धन पिशाचिनी (सोनाक्षी सिन्हा) का पुनर्जागरण होता है और घटनाओं की एक डरावनी श्रृंखला शुरू हो जाती है।

शिवा (सुधीर बाबू) का सामना इस रहस्यमयी और भयावह दुनिया से होता है,जहाँ विज्ञान और आस्था के बीच की सीमाएं धुंधली पड़ जाती हैं।

सोनाक्षी सिन्हा और सुधीर बाबू की परफॉर्मेंस ठीक-ठाक है,लेकिन कहानी की भावनात्मक गहराई दर्शकों को पूरी तरह जोड़ नहीं पाती।

‘जटाधारा’ विजुअली शानदार और कॉन्सेप्ट के स्तर पर दिलचस्प है,लेकिन देखने से पहले उम्मीदें थोड़ी कम रखना ही बेहतर रहेगा।