Navratri Colours:जानकारी
भारत की संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है और इन्हीं में से एक है Navratri।यह पर्व साल में दो बार चैत्र और शारदीय माह में मनाया जाता है।Navratri का मतलब है ‘ नौ रातें ‘ जिनमें भक्तजन माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं।हर दिन माता के अलग-अलग स्वरूप की पूजा होती है और हर दिन का एक विशेष रंग (Colour) निश्चित होता है।

इन नौ रंगों को पहनने का धार्मिक महत्व भी है।माना जाता है,कि नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन माता के अनुरूप रंग पहनने से न केवल जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है,बल्कि घर-परिवार में सुख,शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।आइए जानते हैं,नवरात्रि के नौ दिन,Navratri Colours और माता के नौ स्वरूपों का महत्व।तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
Navratri Colours:नवरात्रि का महत्व
Navratri केवल धार्मिक पर्व नहीं,बल्कि पवित्र शुद्धि और आत्मबल का उत्सव है।इस दौरान लोग व्रत रखते हैं,पूजा-पाठ करते हैं और माता रानी से अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।Navratri के नौ दिनों में भक्त अपने जीवन में बुराइयों पर विजय पाने का संकल्प भी लेते हैं।
Navratri Colours:नवरात्रि के नौ दिन और नौ रंग
1.पहला दिन-माता शैलपुत्री (Navratri Colours-सफेद)
नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री का होता है।यह पर्वत राज हिमालय की पुत्री और शक्ति का प्रथम रूप हैं।इस दिन सफेद रंग शुभ माना जाता है,जो ऊर्जा,खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है,सफेद रंग के कपड़े पहनने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।और इस दिन माता को घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है।

2.दूसरा दिन-माता ब्रह्मचारिणी (Navratri Colours-लाल)
दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।यह रूप तपस्या और संयम का प्रतीक है।इस दिन लाल रंग पहनना शुभ माना जाता है।लाल रंग शांति और समृद्धि का प्रतीक है।माता को इस दिन शकर का भोग लगाया जाता है।

3.तीसरा दिन-माता चंद्रघंटा (Navratri Colours-नीला)
तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति की जाती है।इनके माथे पर अर्धचंद्र है,जो शांति और शीतलता का प्रतीक है।इस दिन का रंग नीला है,जो संतुलन और स्थिरता का प्रतीक है।इस दिन मां को दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

4.चौथा दिन-माता कूष्मांडा (Navratri Colours-पीला)
चौथे दिन की देवी कूष्मांडा हैं,जिनके बारे में मान्यता है कि उन्होंने अपनी हंसी से ब्रह्मांड की रचना की।इस दिन का रंग पीला है,जो ऊर्जा,उत्साह और आत्मविश्वास का प्रतीक है।इस दिन माता को मालपुआ का भोग लगाया जाता है।

5.पांचवां दिन-माता स्कंदमाता (Navratri Colours-हरा)
पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा होती है।माता की पूजा करने के बाद उन्हें केले का भोग लगाया जाता है।वे ज्ञान का प्रतीक हैं।इस दिन हरा रंग पहनने को अच्छा माना जाता है,जो पवित्रता,शांति और सच्चाई का प्रतीक है।

6.छठवां दिन-माता कात्यायनी (Navratri Colours-भूरा)
छठे दिन की माता कात्यायनी हैं।माता को इस दिन शहद से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।यह रूप शक्ति और साहस का प्रतीक है।इस दिन का रंग भूरा है,जो प्रेम,साहस और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।भूरे रंग के कपड़े पहनने से जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है।

7.सातवां दिन-माता कालरात्रि (Navratri Colours-नारंगी)
सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा होती है।पूजा होने के बाद माता को गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।यह स्वरूप बुराई और नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है।इस दिन का रंग नारंगी है,जो शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।

8.आठवां दिन-माता महागौरी (Navratri Colours-पीकाॅक ग्रीन)
आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है।इनका रंग दूध की तरह उज्ज्वल है और वे पवित्रता का प्रतीक हैं।इस दिन का रंग पीकाॅक ग्रीन है,जो प्रेम,करुणा और मधुरता का प्रतीक है।इस दिन माता को नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

9.नौवां दिन-माता सिद्धिदात्री (Navratri Colours-गुलाबी)
नौवे दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है।माता को पूजा करने के बाद हलवे पुरी का भोग लगाया जाता है।वे भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करती हैं।इस दिन का रंग गुलाबी है,जो रहस्यमयी शक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।

Navratri Colours:नवरात्रि के रंग पहनने का महत्व
1.इन रंगों को पहनने से पॉजिटिव ऊर्जा मिलती है।
2.हर रंग के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश छुपा होता है।
3.परिवार और समाज में खुशहाली और तालमेल बना रहता है।
4.जीवन में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता हैं।

Navratri Colours:नवरात्रि और फैशन का मेल
आजकल लोग नवरात्रि के अवसर पर न केवल धार्मिक भावनाओं से रंग पहनते हैं,बल्कि फैशन के तौर पर भी इसे अपनाते हैं।कॉलेज,ऑफिस और गरबा नाइट्स में हर दिन के रंग के अनुसार ड्रेस पहनने का ट्रेंड बहुत लोकप्रिय हो चुका है।इससे उत्सव का आनंद और भी बढ़ जाता है।
Navratri Colours:परिणाम
Navratri के नौ दिन केवल उपवास और पूजा तक सीमित नहीं हैं,बल्कि ये हमारे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मक सोच भरने का सुनहरा अवसर होते हैं।हर दिन का रंग माता दुर्गा के अलग-अलग रूप से जुड़ा होता है और हमें जीवन जीने के संदेश देता हैं,कभी साहस,कभी संयम,तो कभी पवित्रता और करुणा का महत्व।

यदि आप Navratri 2025 में इन नौ रंगों को अपने जीवन में अपनाते हैं,तो यह न केवल धार्मिक तरीके से शुभ फलदायी होगा,बल्कि आपके घर-परिवार में शांति,समृद्धि और खुशियों का संचार भी होगा।ये रंग नवरात्रि की भक्ति को और गहराई से अनुभव कराने के साथ-साथ आपके जीवन को भी आकर्षक और ऊर्जावान बनाते हैं।
Navratri Colours से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)-
Q1.नवरात्रि में Navratri Colours क्यों महत्वपूर्ण हैं?
Ans.नवरात्रि के हर दिन का एक खास रंग होता है,जो मां दुर्गा के अलग-अलग रूप का प्रतीक है।ये रंग जीवन में सकारात्मकता,शांति और खुशहाली लाने वाले माने जाते हैं।
Q2.नवरात्रि के पहले दिन कौन सा रंग पहनना चाहिए?
Ans.नवरात्रि के पहले दिन सफेद रंग शुभ माना जाता है।यह खुशी,ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है।
Q3.नवरात्रि में रंग पहनने से क्या लाभ होता है?
Ans.नवरात्रि के नौ दिनों के रंग पहनने से मानसिक शांति मिलती है,आत्मविश्वास बढ़ता है और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
Q4.नवरात्रि के नौ दिन किन-किन रूपों की पूजा की जाती है?
Ans.नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूप शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा,कूष्मांडा,स्कंदमाता,कात्यायनी,कालरात्रि,महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
Q5.क्या नवरात्रि में हर दिन का रंग बदलना ज़रूरी है?
Ans.धार्मिक रूप से ऐसा नहीं है,लेकिन परंपरा के अनुसार रंगों का पालन करने से उत्सव का आनंद और बढ़ता है तथा इसे शुभ माना जाता है।
Navratri Colours 2025:के बारे में आप और भी जानना चाहते हैं,तो Click करें(Source-Hindustan Times)





